The Ultimate Guide To पारद शिवलिंग online
The Ultimate Guide To पारद शिवलिंग online
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शक्ति सिंह/ कोटा. हाड़ौती संभाग में यूं तो कई प्राचीन शिवमंदिर हैं, जिनमें कई सदियों पुराने शिवलिंग स्थापित हैं. लेकिन, कोटा के स्टेशन इलाके में मौजूद श्री राम मंदिर में एक विशेष प्रकाद का शिवलिंग स्थापित है, जिसे पुराणों में पारद शिवलिंग कहा जाता है. इसका नाम पारद पड़ने की पीछे की वजह भी काफी खास है.
शास्त्रों के अनुसार, घर में सिर्फ एक ही शिवलिंग रखना शुभ माना जाता है इसलिए एक से अधिक कभी भी शिवलिंग न रखें। शिवलिंग का जल न दें सूखने
पारद शिवलिंग को सूखे सूती कपडे से साफ़ करना चाहिए, इससे पारद शिवलिंग एकदम चमकने लगेगा ।
आपण ह्या लेखात पारद शिवलिंग बद्दल जाणून घेऊया.
पारद और स्फटिक शिवलिंग की स्थापना किसी विद्वान पंडित के मार्गदर्शन में विधि-विधान के अनुसार ही करनी चाहिए। इन शिवलिंगों को स्थापित करने के लिए शुभ मुहूर्त का चयन भी आवश्यक माना जाता है। साथ ही, इनकी नियमित रूप से पूजा करना महत्वपूर्ण है।
सफ़ेद कपड़े को बिछाकर पारद शिवलिंग को विराजित करना चाहिए।
आपको ओम नमः शिवाय का नियंत्रण जाप करते रहना चाहिए।
कैसे पहचान सकते हैं – जब पारद शिवलिंग को थोड़ी देर जल में रखकर उसे धूप में get more info रखते हैं तो पारद शिवलिंग पर शुद्ध स्वर्ण जैसी आभा आ जाती है। इसके अलावा अगर पारद शिवलिंग को हथेली पर घिसा जाए तो वह काली लकीर नहीं होती है। इस शिवलिंग से हथेली पर काली लकीर नहीं बनती है।
कोटा जंक्शन पर स्थित श्रीराम मंदिर में स्थापित है पारद शिवलिंग
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इस बात का ध्यान रखना चाहिए घर में रखे हुए शिवलिंग में नाग लिपटा हुआ हो।
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यह शिवलिंग आपके घर के वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा का विस्तार करता है जिसके माध्यम से पारिवारिक जन में आपसी मतभेद नहीं होते और प्रेम-सौदार्ह का माहौल बना रहता है।
पारद शिवलिंग की पूजा करने से ग्रह दोष और जीवन के पाप दूर होते हैं।